Black Pepper in Su+iMO21 (DHPL)

Health Accumulative Wealth

काली मिर्च का परिचय
भारत में ऐसा कोई घर नहीं होगा जहाँ काली मिर्च का प्रयोग नहीं होता हो। यह मसालों की रानी मानी जाती है। चाहे हम कोई भी सब्जी बनाएं। सब्जी सूखी हो या रसेदार या फिर नमकीन से लेकर सूप आदि तक, हरेक व्यंजन में काली मिर्च का प्रयोग जरूर होता है। भोजन में काली मिर्च का इस्तेमाल केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक (Black Pepper Health Benefits) है। काली मिर्च एक अच्छी औषधि भी है। लंबे समय से आयुर्वेद में इसका औषधीय प्रयोग होता रहा है। वास्तव में काली मिर्च के औषधीय गुणों के कारण ही इसे भोजन में शामिल किया जाता है। काली मिर्च का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

काली मिर्च के काफी अधिक औषधीय लाभ (Kali Mirch Ke Fayde In Hindi) हैं। यह वात और कफ को नष्ट करती है और कफ तथा वायु को निकालती है। यह भूख बढ़ाती है, भोजन को पचाती है, लीवर को स्वस्थ बनाती है और दर्द तथा पेट के कीड़ों को खत्म करती है। यह पेशाब बढ़ाती है और दमे को नष्ट करती है। तीखा और गरम होने के कारण यह मुँह में लार पैदा करती है और शरीर के समस्त स्रोतों से मलों को बाहर निकाल कर स्रोतों को शुद्ध करती है। इसे प्रमाथी द्रव्यों में प्रधान माना गया है। आइए जानते हैं कि आप बीमारियों को ठीक करने के लिए काली मिर्च का उपयोग कैसे कर सकते हैं।

सलाद, शिकंजी या सैंडविच कुछ भी बनाओ, बस ऊपर से थोड़ी काली मिर्च छिड़क दो, तो खाने का स्वाद बढ़ जाता है। हालांकि, काली मिर्च सिर्फ इन्हीं चीजों का जायका नहीं बढ़ाती, बल्कि यह किसी भी खाने का स्वाद बढ़ाने का काम कर सकती है। साथ ही यह सेहत पर कई तरह के लाभकारी असर भी डाल सकती है, जिस बारे में जानकर आपको हैरानी हो सकती है। स्टाइलक्रेज का यह लेख खास काली मिर्च के विषय पर है। इस लेख में हम काली मिर्च के फायदे, काली मिर्च के उपयोग व काली मिर्च के औषधीय गुण आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। ये गुण स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं और किसी शारीरिक समस्या से उबरने में भी मदद कर सकते हैं। हां, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

काली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान के संबंध में कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं। उन्हीं शोध के आधार पर पहले काली मिर्च के फायदे और उसके बाद काली मिर्च के साइड इफेक्ट्स की जानकारी देंगे।

  1. पाचन के लिए
    आहार में काली मिर्च का उपयोग करने से पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिल सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरिन अग्न्याशय यानी पेट के पाचन एंजाइमों को उत्तेजित कर पाचन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है । वहीं, अन्य शोध से पता चलता है कि काली मिर्च से पैंक्रियाटिक लाइपेज, काइमोट्रिप्सिन और एमिलेज की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। इन सभी को डाइजेस्टिव एंजाइम के रूप में जाना जाता है। इनसे पूरी पाचन प्रक्रिया बेहतर तरीके से काम कर सकती है ।
  2. सर्दी-खांसी से राहत
    काली मिर्च के औषधि गुण का असर सर्दी-खांसी पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है। इसके इस्तेमाल से समस्या का निदान हो सकता है। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, काली मिर्च सर्दी-खांसी के लिए फोक मेडिसीन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इसमें पाइपरिन (Piperine) नामक कंपाउंड होता है, जो सर्दी-खांसी की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। साथ ही यह गले में खराश की समस्या का भी समाधान करने का काम कर सकता है । इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि काली मिर्च खाने के फायदे सर्दी-खांसी से राहत के लिए हो सकते हैं।
  3. कैंसर से बचाव
    कैंसर जैसी घातक समस्या से बचने में काली मिर्च मदद कर सकती है। इस बात को लेकर कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि काली मिर्च में एंटी-कैंसर गतिविधि पाई जाती है। इस गुण के कारण काली मिर्च शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकती है । इसके अलावा, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन की वजह से यह कीमोथेरेपी दवाई की तरह ही काम कर सकता है। पाइपरिन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम कर सकता है (6)। लिहाजा, माना जा सकता है कि काली मिर्ची के फायदे कैंसर से बचने के लिए हो सकते हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि अगर किसी को कैंसर है, तो उसे सिर्फ डॉक्टरी इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। काली मिर्च सिर्फ कैंसर से बचाने में मदद कर सकती है। इसे कैंसर का इलाज न समझें।
  4. मौखिक स्वास्थ्य के लिए
    काली मिर्च का सेवन करने से इसका असर मुंह के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक शोध से यह पता चलता है कि इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है और मुंह के हाइजिन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मसूड़े की सूजन को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही काली मिर्च में पाए जाने वाले पाइपरिन में दांतों की समस्या का कारण बनने वाले ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF-α) को कम करने का प्रभाव होता है । इसके अलावा, अगर किसी के दांतों में दर्द है, तो लौंग के तेल में काली मिर्च पाउडर मिलाकर दांतों की मालिश करने से राहत मिल सकती है। फिलहाल, इस संबंध में कोई शोध उपलब्ध नहीं है।
  5. वजन कम करने में सहायक
    काली मिर्च खाने के फायदे वजन कम करने के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के दौरान कुछ हफ्तों तक काली मिर्च युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन किया गया। इससे भूख में किसी तरह का बदलाव हुए बिना शरीर में फैट और लिपिड का स्तर कम मापा गया। इससे शरीर का वजन कुछ कम हो सकता है। यह सब काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन और एंटीओबेसिटी प्रभाव की वजह से ही संभव हो पाता है । इसलिए, कहा जा सकता है कि काली मिर्च के औषधीय गुण के कारण वजन कम हो सकता है।
  6. आंत स्वास्थ्य के लिए
    पेट व आंतों से जुड़ी समस्याओं के लिए भी काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। इससे संबंधित एक वैज्ञानिक शोध में आंत में मौजूद फेकल बैक्टीरिया के खिलाफ कई जड़ी-बूटियों के प्रीबायोटिक प्रभाव पाए गए। इससे पेट व आंतों में समस्या उत्पन्न करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है। इन जड़ी-बूटियों में काली मिर्च भी शामिल है। इसके अलावा, यह पाचन और गैस्ट्रिक की समस्या से भी छुटकारा दिला सकती है, जिनका गलत असर आंत पर पड़ता है । इसलिए, आंत की समस्या से छुटकारा दिलाने में काली मिर्च के गुण सहायक हो सकते हैं।
  7. भूख बढ़ाने के लिए
    जिन लोगों को भूख न लगने की समस्या है, उनके लिए काली मिर्च पाउडर फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल, काली मिर्च में एल्कलॉइड, ओलेरोसिन और ऑयल जैसे कुछ कंपाउंड पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में भूख बढ़ाने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जाता है । फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।
  8. कोलेस्ट्रॉल के लिए
    शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर कई समस्याओं के पनपने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो काली मिर्च में पाइपरिन होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। यह तत्व कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्टर प्रोटिंस को भी दबाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रह सकता है। यह जानकरी एनसीबीआई वेबसाइट पर भी उपलब्ध है । इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने के लिए काली मिर्ची के फायदे हो सकते हैं।
  9. डायबिटीज और ब्लड शुगर के लिए
    काली मिर्च खाने के फायदे मधुमेह और ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर सकते हैं। इससे डायबिटीज के इलाज में मदद मिल सकती है । एक अन्य शोध के अनुसार, सीमित मात्रा में पाइपरिन लेने से शरीर में एंटीहाइपरग्लिसेमिक प्रभाव नजर आ सकता है। वहीं, अधिक मात्रा में लेने पर मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय से जुड़ी समस्या हो सकती है ।
  10. जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए
    काली मिर्च के गुण जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। कई बार जोड़ों में दर्द और गठिया का मुख्य कारण सूजन हो सकती है, जिसे छुटकारा दिलाने में काली मिर्च मदद कर सकती है। दरअसल, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस प्रभाव पाया जाता है, जो सूजन की समस्या को कम कर गठिया की स्थिति में राहत पहुंचा सकता है ।
  11. इंफेक्शन से बचने के लिए
    शरीर या त्वचा में इंफेक्शन फैलने का मुख्य कारण बैक्टीरिया होता है। ऐसे में इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बैक्टीरिया से छुटकारा पाना जरूरी है। इसके लिए, काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो ई. कोलाई और स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे कई बैक्टीरिया को दूर रखने का काम कर सकता है ।
  12. एंटीऑक्सीडेंट
    शरीर में फ्री रेडिकल्स (मुक्त कणों) का निर्माण मेम्ब्रेन द्वारा लिपिड के ऑक्सीकरण के कारण होता है। इन फ्री रेडिकल्स के कारण कई बीमारियां हो सकती है। ऐसे में ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए काली मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि मदद कर सकती है। इससे फ्री रेडिकल्स की समस्या को दूर रखा जा सकता है और गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है ।
  13. मस्तिष्क के लिए
    काली मिर्च के फायदे मस्तिष्क के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च में मेथनॉलिक अर्क और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो अल्जाइमर जैसे मानसिक रोग से राहत पहुंचा कर याददाश्त को बढाने का काम कर सकते हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या से निजात दिला सकते हैं, जो मस्तिष्क के लिए अच्छा हो सकते हैं ।
  14. धूम्रपान छोड़ने में मदद करे
    जो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए काली मिर्च का उपयोग मददगार साबित हो सकता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि काली मिर्च पाउडर की भाप लेने से धूम्रपान की तलब को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा सकता है । इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
  15. त्वचा के लिए
    काली मिर्च के फायदे त्वचा के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च के उपयोग से बने तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं । इसके अलावा, यह एंटी-एजिंग की तरह काम कर सकता है, मुंहासे कम कर सकता है और विटिलिगो, झुर्रियों व काले धब्बे को कम करने का काम कर सकता है

काली मिर्च के पौष्टिक तत्व
इसमें कोई दो राय नहीं है कि काली मिर्च गुणों का खजाना है। यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि इसके पौष्टिक मूल्य क्या हैं। नीचे हम 100 ग्राम काली मिर्च के पौष्टिक मूल्य बता रहे हैं ।

पोषक तत्व पोषक मूल्य प्रति 100 G
पानी 12.46 g
ऊर्जा 251 kcal
प्रोटीन 10.39 g
टोटल लिपिड (फैट) 3.26 g
कार्बोहाइड्रेट 63.95 g
फाइबर, टोटल डाइटरी 25.3 g
शुगर 0.64 g
कैल्शियम, Ca 443 mg
आयरन, Fe 9.71 mg
मैग्नीशियम, Mg 171 mg
फास्फोरस, P 158 mg
पोटैशियम, K 1329 mg
सोडियम, Na 20 mg
जिंक, Zn 1.19 mg
कॉपर, Cu 1.33 mg
मैंगनीज, Mn 12.753 mg
सेलेनियम, Se 4.9 µg
थायमिन 0.108 mg
राइबोफ्लेविन 0.18 mg
नियासिन 1.143 mg
विटामिन-बी6 0.291 mg
फोलेट 17 µg
विटामिन-ए, RAE 27 µg
विटामिन-ई (अल्फा टोकोफेरोल) 1.04 mg
विटामिन-के 167.7 µg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 1.392 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.739 g
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.998 g

‘Mulberry’ in Su+iMO21

Health Bhi Wealth Bhi With “DEHERB”

शहतूत का फल खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही इससे शरीर को लाभ भी होता है। आप शहतूत को खाते जरूर होंगे, लेकिन इसके गुणों के बारे में ज्यादा जानते नहीं होंगे। शहतूत एक जड़ी-बूटी भी है, और शहतूत के कई सारे औषधीय गुण हैं। आप कब्ज, मुंह के छाले की परेशानी, दस्त, कंठ के सूजन, आवाज बैठने और कंठ की जलन में शहतूत के इस्तेमाल से फायदे ले सकते हैं। इतना ही नहीं, बदहजमी, पेट के कीड़े, पाचन-तंत्र विकार, और मूत्र रोग आदि रोगों में भी शहतूत के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। फलों को पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है। शहतूत के फायदे

इस कारण लोगों में हमेशा से इनके प्रति एक विशेष आकर्षण रहता है। कुछ को मीठे फल ज्यादा पसंद आते हैं, तो कुछ को इनकी खटास में मजा आता है। वहीं, खट्टे-मीठे स्वाद वाले फलों को चाहने वालों की भी कोई कमी नहीं है। दादी के नुस्खे के इस लेख हम आपको ऐसे ही एक फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने रसीले और खट्टे-मीठे स्वाद के कारण लोगों में काफी मशहूर है। हम बात कर रहे हैं, शहतूत की। अगर आपने अब तक इसे नहीं चखा, तो शहतूत खाने के फायदे जानने के बाद इसे खाने के लिए मजबूर जरूर हो जाएंगे। शहतूत के फायदे

फिर देर किस बात की, आइए लेख में आगे बढ़ते हैं और शहतूत के लाभ व शहतूत के गुण से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां हासिल करते हैं। शहतूत में कई जरूरी पोषक तत्वों के साथ फ्लेवोनॉयड और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इसे कई गंभीर समस्याओं के लिए उपयोगी औषधि बना देते हैं। सेहत के साथ-साथ इसका उपयोग त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद माना गया है। शहतूत के फायदे

शहतूत के लाभ से जुड़ी विस्तृत जानकारी पाने के लिए लेख को पूरा जरूर पढ़ें। आयुर्वेद में शहतूत के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपको जानना जरूरी है। आप एडियों के फटने पर, खुजली, और त्वची संबंधी बीमारियों में शहतूत के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। इसके अलावा शारीरिक जलन या शारीरिक कमजोरी में भी शहतूत से लाभ मिलता है। आइए यहां शहतूत के सेवन या उपयोग करने से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं।

शहतूत क्या है

शहतूत का वृक्ष लगभग 3-7 मीटर ऊँचा, मध्यमाकार होता है। इसके तने गहरे भूरे रंग के, खुरदरे, और दरारयुक्त होते हैं। इसके पत्ते सीधे, और विभिन्न आकार के होते हैं। पत्ते 5-7.5 सेमी लम्बे, अण्डाकार या चौड़े अण्डाकार के होते हैं। इसके फूल हरे रंग के होते हैं। इसके फल लगभग 2.5 सेमी लम्बे, अण्डाकार अथवा लगभग गोलाकार होते हैं। शहतूत के फायदे

ये कच्च्ची अवस्था में सफेद रंग के होते हैं, और पक जाने वाले लगभग हरे-भूरे या फिर गहरे-बैंगनी रंग के होते हैं। शहतूत के वृक्ष में फूल और फल जनवरी से जून के बीच होता है। यहां शहतूत के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा में लिखी गई है ताकि आप शहतूत के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं। शहतूत के फायदे

1) रक्त संचार के लिए ( Benefits of Mulberry for Blood circulation )
रक्त संचार में सुधार के लिए भी शहतूत के लाभ हासिल किए जाता है। दरअसल, शहतूत में सायनायडिंग 3-ग्लूकोसाइड नाम का फाइटोन्यूट्रिएंट पाया जाता है। यह खून को साफ करता है। साथ ही रक्त संचार में भी सुधार करता है । इस कारण हम यह कह सकते हैं कि शहतूत के सेवन से न केवल खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर किया जाता है, बल्कि रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्कुलेशन) की प्रक्रिया को भी नियंत्रित किया जा सकता है। शहतूत के फायदे

2) मानसिक स्वास्थ्य के लिए ( Benefits of Mulberry for mental health )
मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आप शहतूत को उपयोग में ला सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक शहतूत में साइटोप्रोटेक्टिव (कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला) और न्यूरोप्रोटेक्टिव (तंत्रिका तंत्र से संबंधी समस्याओं को दूर करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। ये दोनों प्रभाव संयुक्त रूप से मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं । इस कारण हम कह सकते हैं कि दिमागी स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शहतूत का सेवन काफी लाभकारी साबित होता है। शहतूत के फायदे

3) हृदय स्वास्थ्य के लिए ( Benefits of Mulberry for cardiovascular health )
शहतूत में अधिक मात्रा में डाइटरी फाइबर और लिनोलेइक एसिड मौजूद होता है। इनके कारण इसमें हाइपोलिपिडेमिक (खून में मौजूद वसा को कम करने) वाला प्रभाव पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित करता है। वहीं, शहतूत पर किए गए एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इसकी पत्तियों में एंटी-हाइपरटेंसिव (ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाला) प्रभाव भी पाया जाता है। ये दोनों ही हृदय संबंधी जोखिम कारक हैं। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि शहतूत हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सकारात्मक परिणाम दे सकता है।

4) वजन घटाने के लिए ( Benefits of Mulberry for Reduce weight )
जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि शहतूत का सेवन खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करता है। वहीं, यह शरीर में मौजूद वसा को तोड़कर, उसकी उपापचय प्रक्रिया को तेज करता है। इससे शरीर का वजन कम करने में मदद मिलती है। इसलिए, यह माना जाता है कि शहतूत के सेवन से वजन को नियंत्रित करने में भी सहायता मिलती है। शहतूत के फायदे

5) आंखों की रोशनी के लिए ( Benefits of Mulberry for Eyesight )
आंखों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए भी शहतूत को इस्तेमाल कर सकते हैं। कारण यह है कि शहतूत में विटामिन-ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ-साथ उन पर आने वाले तनाव को दूर करता है। रेटिना से संबंधित दोषों को भी दूर करने में यह मददगार साबित होता है। सेहत संबंधी फायदों को जानने के बाद लेख के अगले भाग में अब हम त्वचा के लिए शहतूत खाने के फायदे जानेंगे। शहतूत के फायदे

6) बालों के के लिए ( Benefits of Mulberry for Hair )
बालों के लिए शहतूत के फायदों में से एक यह भी है कि यह बालों में मेलिनिन की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है, जो बालों के रंग के लिए जिम्मेदार है। ऐसे यह उम्र से पहले आने वाली बालों की सफेदी को रोकने में भी मदद करता है। इसके लिए आप इसके जूस को पीने के साथ स्कैल्प पर लगाने के लिए इस्तेमाल करें। शहतूत के सेहत, त्वचा और बालों संबंधी सभी फायदे जानने के बाद अब हम आपको इसके पोषक तत्वों के बारे में बताएंगे। शहतूत के फायदे

7) सेंसेटिव त्वचा के लिए ( Benefits of Mulberry for Sensitive skin )
शहतूत में विटामिन-सी के साथ नियासिन (विटामिन बी-3) भी पाया जाता है। वहीं, एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि नियासिन एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है। शोध में यह भी बताया गया कि यह त्वचा को सूर्य के नकारात्मक प्रभाव और अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने में भी सहायक है । इसलिए, हम कह सकते हैं कि शहतूत के जूस का सेवन और लोशन की तरह इस्तेमाल आपको इस समस्या से निजात दिला सकता है। त्वचा के लिए शहतूत खाने के फायदे जानने के बाद अब हम इसके बालों के लिए होने वाले फायदे भी जान लेते हैं। शहतूत के फायदे

8) फ्लू और कोल्ड के लिए ( Benefits of Mulberry for Flu and cold )
शहतूत में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है । इससे शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। वहीं, यह सामान्य बुखार, सर्दी और जुखाम को भी दूर करने में सहायता करता ह। इस कारण हम कह सकते हैं कि फ्लू और कोल्ड से बचाव के लिए भी आप शहतूत को उपयोग में ला सकते हैं। शहतूत के फायदे

इसके इलावा

खून को करता है साफ
यह खून को भी साफ करता है, शहतूत की पत्तियों की चाय या इसका रस पीने सीने में होने वाली जलन से भी राहत मिलती है, मधुमेह के रोगियों को इसका कच्चा फल चबाकर खाना चाहिए।
स्किन के ल‍िए है बेहतर
इससे उन्हें काफी लाभ होता है, शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन होने पर शहतूत के रस में शहद मिलाकर लेप करने से सूजन ठीक हो जाती है, इसके अलावा शहतूत की पत्तियों और नीम की छाल को बराबर मात्रा में पीसकर इसका लेप चेहरे पर लगाने से मुंहासों ठीक हो जाते हैं।
शुगर को करता है कंट्रोल
शहतूत के पत्ती में डीएनजे नामक तत्व पाया जाता है, जो आंत में बनने वाले अल्फा ग्लूकोसाइडेज एनजाइम से मिलकर एक बॉण्ड बनाता है। यह बॉण्ड खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है। इसके अलावा डीएनजे लिवर में बनने वाले अतिरिक्त ग्लूकोज को भी नियंत्रित करता है। ऐसे में शहतूत की पत्ती के सेवन इसलिए भी काफी उपयोगी है, क्योंकि 47 प्रतिशत फास्टिंग शुगर लिवर में मौजूद ग्लूकोज से होती है। इसकी पत्ती में एकरबोस नामक कम्पोनेंट भी पाया जाता है, जो खाना खाने के बाद की शुगर को नियंत्रित करता है। शहतूत की पत्ती कॉलेस्ट्रॉल का लेवल मेंटेन करने में भी सहायक होती है।
द‍िल के लिए है बहुत फायदेमंद
शहतूत की पत्तियां आपके हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं। शहतूत की पत्तियों के इस्तेमाल से कार्डियोवस्कुलर हेल्थ अच्छी रहती है। 2018 में फार्मास्युटिकल बायोलॉजी में प्रकाशित एक स्टजी में बताया गया कि शहतूत की पत्तियों में फेनोलिक्स और फ्लैवोनॉइड्स होते हैं, जिसके कारण इसकी पत्तियों का अर्क पीने से कार्डियोमेटाबॉलिक समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। एक रिसर्च में बताया गया कि शहतूत की पत्तियों में खास एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो ट्राईग्लिसराइड्स, सीआरपी और एलडीएल लेवल को कर सकते हैं। इसलिए हार्ट और कोलेस्ट्ऱॉल के मरीज अगर शहतूत की पत्तियों का सेवन करते हैं, तो ये उनके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
मोटापा घटा सकती हैं ये पत्तियां
शहतूत की पत्तियों के इस्तेमाल से वजन घटाने में भी मदद मिलती है। एक स्टडी में बताया गया कि शहतूत की पत्तियों का अर्क पीने से जानवरों में मोटापा और इससे जुड़ी खतरनाक बीमारियां कम हुई हैं। खासकर लिवर के लिए शहतूत की पत्तियां विशेष फायदेमंद हैं क्योंकि ये लिवर लिपि़ड पेरोक्सिडेशन लेवल को कम कर सकती हैं। इसलिए अगर आप रोजाना शहतूत की पत्तियों की चाय पीते हैं,तो इससे आपका मोटापा कम होता है।

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Harkanwaljit Singh Virk

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Black Berry in Su+iMO21

आपने ब्लैकबेरी मोबाइल फोन का नाम तो सुना ही होगा और शायद देखा ही होगा, लेकिन क्या आपने कभी ब्लैकबेरी फल देखा है या उसका सेवन किया है? दरअसल, यह एक बहुत ही स्वादिष्ट फल है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह अमेरिकी राज्य अलबामा का आधिकारिक फल है। यह उत्तरी अमेरिका और प्रशांत महासागर के तटीय इलाकों में बहुतायत में पाया जाता है। ये फल एमिनो एसिड और फाइबर का तो अच्छा स्रोत होता ही है, साथ ही इसमें विटामिन-ए, बी-1, बी-2, बी-3, बी-6, विटामिन-सी, ई और के भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आइए जानते हैं इस फल के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में… 

  • हृदय स्वास्थ्य के लिए
    एक शोध के अनुसार, ब्लैकबेरी का सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है । दरअसल, ब्लैकबेरी में एंथोसायनिन और फ्लेवोनॉयड पाए जाते हैं, जो हृदय से जुड़ी समस्या को दूर करने का काम कर सकते हैं । इसलिए, ब्लैकबेरी खाने के फायदे हृदय के लिए हो सकते हैं।
  • कैंसर को दूर रखने में
    ब्लैकबेरी के औषधीय गुण के कारण इसे कैंसर को दूर रखने के लिए भी सहायक माना जा सकता है। ब्लैकबेरी में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर के जोखिम को दूर कर सकते हैं। साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री-रेडिकल्स को खत्म करने का काम कर सकते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का कारण बन सकते हैं। इस लिहाज से ब्लैकबेरी एसोफैगस कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है ।
  • हड्डियों के लिए
    बेहतर स्वास्थ्य के लिए हड्डियों का मजबूत होना भी जरूरी है। इसके लिए आप कई तरह के पोषण युक्तों से युक्त ब्लैकबेरी का सेवन कर सकते हैं। यह फल हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। दरअसल, ब्लैकबेरी में फेनोलिक पाए जाते हैं, जो हड्डियों को नुकसान पहुंचने से रोकने का काम कर सकते हैं ।
  • फैट को कम करने में
    शरीर में फैट के बढ़ने से कई तरह के शारीरिक रोग पनपने लग जाते हैं। ऐसे में ब्लैकबेरी का सेवन करने पर फैट को कम किया जा सकता है। दरअसल, ब्लैकबेरी में एंथोसायनिन प्रभाव पाया जाता है, जो चर्बी को कम करने में मदद कर सकता हैं ।
  • स्वस्थ मस्तिष्क के लिए
    ब्लैकबेरी में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो आपके दिमाग को स्वस्थ रखने में लाभकारी हो सकते हैं। ब्लैकबेरी में मुख्य रूप से विटामिन सी और विभिन्न तरह के पॉलीफेनॉल्स पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही ब्लैकबेरी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो उम्र के साथ कमजोर होती याददाश्त से आपको बचा सकते हैं ।
  • इम्युनिटी के लिए
    आपके बार-बार बीमार पड़ने का एक कारण इम्यून सिस्टम का कमजोर होना भी हो सकता है। ऐसे में ब्लैकबेरी का सेवन करने पर इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए ब्लैकबेरी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण मददगार साबित हो सकते हैं ।
  • मधुमेह के लिए
    आप जानकर हैरान होंगे कि ब्लैकबेरी के पत्ते का उपयोग करके मधुमेह की समस्या से निजात पाया जा सकता है। ब्लैकबेरी के पत्ते का इस्तेमाल करने से रक्त में शुगर की मात्रा को कम किया जा सकता है। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि ब्लैकबेरी का उपयोग करके मधुमेह की समस्या को कम किया जा सकता है । यहां हम स्पष्ट कर दें कि इस संबंध में अभी कोई सटीक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, मधुमेह की अवस्था में इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
  • ओरल हेल्थ के लिए
    ब्लैकबेरी के अर्क को माउथवॉश के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए ब्लैकबेरी में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण जिम्मेदार हैं, जो बैक्टीरिया को दूर करने या खत्म करने का काम करते हैं। यहां आपको बता दें कि बैक्टीरिया के कारण दांत के सड़ने और टूटने का खतरा होता है, जिससे ब्लैकबेरी आपको बचाती है । इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि ब्लैकबेरी के उपयोग से ओरल हेल्थ में सुधार किया जा सकता है।
  • आंखों के लिए
    आंखों के स्वास्थ्य के लिए ब्लैकबेरी अहम भूमिका निभाने का काम कर सकती है। एक शोध के अनुसार, आंखों की रौशनी में सुधार करने के लिए विटामिन-ए मददगार होता है। साथ ही विटामिन-सी और ई में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के हमले से बचाते हैं। इस प्रकार ब्लैकबेरी के प्रयोग से आंखों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है ।
  • एंटी इंफ्लेमेटरी
    एक रिसर्च के अनुसार, ब्लैकबेरी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो इंफ्लेमेटरी से संबंधित कई समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है । यह ब्लैकबेरी के औषधीय गुण में से एक गुण है।
  • त्वचा के लिए
    ब्लैकबेरी के प्रयोग से त्वचा को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके लिए ब्लैकबेरी में पाए जाने वाले विटामिन (सी, ए, ई, बी 6) और आयरन सहायक हो सकते हैं, जो त्वचा को पोषण प्रदान कर स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं ।
  • बालों के लिए
    ब्लैकबेरी में विटामिन-सी, विटामिन-बी, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं , जो बालों को मजबूत बनाने के लिए लाभदायक हो सकते हैं । इसलिए, ब्लैकबेरी खाने के फायदे में काले, लंबे और घने बाल भी शामिल हैं।

ब्लैकबेरी में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जिसके बारे में हम आगे बता रहे हैं।

ब्लैकबेरी के पौष्टिक तत्व – Blackberry Nutritional Value
ब्लैकबेरी सेहत के लिए इतनी लाभकारी इसलिए है, क्योंकि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद हैं। यहां हम टेबल के जरिए इन पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं :

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 G
पानी 88.15 g
ऊर्जा 43 kcal
प्रोटीन 1.39 g
टोटल लिपिड (फैट) 0.49 g
कार्बोहाइड्रेट 9.61 g
फाइबर, टोटल डाइटरी 5.3 g
शुगर, टोटल 4.88 g
मिनरल्स
कैल्शियम ,Ca 29 gm
आयरन ,Fe 0.62 mg
मैग्नीशियम , Mg 20 mg
फास्फोरस ,P 22 mg
पोटैशियम ,K 162 mg
सोडियम ,Na 1 mg
जिंक ,Zn 0.53 mg
विटामिन्स
विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 21.0 mg
थाइमिन 0. 020 mg
राइबोफ्लेविन 0. 026 mg
नियासिन 0.646 mg
विटामिन बी -6 0. 030 mg
फोलेट DFE 25 µg
विटामिन ए RAE 11 µg
विटामिन ए IU 214 IU
विटामिन ई 5.65 mg
विटामिन के 19.8 µg
लिपिड
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.014 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड 0.047 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.280 g

Su+iMO21 में Black Berry भी है

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Benefits of Cordycep Plus

The properties of Cordyceps, the “miraculous fungus”, have been known in Chinese medicine since ancient times. The most recent scientific research confirms these claims pointing to numerous qualities of Cordyceps that boost natural defence, body functions and overall well-being.

According to traditional Chinese medicine,
Cordyceps supports overall good health,
strengthens human resistance to disease,
builds strength, endurance and stamina.
Owed to its scarcity and high price,
Cordyceps had always been reserved exclusively for the Emperors’ indulgence; and until recently,
it has been virtually unknown in the Western world.

DESCRIPTION
Cordyceps sinensis, or rather Ophiocordyceps sinensis – as this is the scientific name of the species since 2007,
is also known as caterpillar fungus or simply cordyceps.
During the warm months is grows like any fungus,
however in the winter the larvae of certain moth species become its host.
To survive, the fungus kills and then mummifies the insect, and feeds on it.
Cordyceps is naturally present in Tibet and Nepal at altitudes between three and five thousand metres above sea level.

Discovered about one and a half thousand years ago by Himalayan shepherds,
it quickly found applications in Chinese herbal medicine mainly as an energising,
anti-ageing agent that prevents dementia, and improves physical condition.
Due to its scarcity and “miraculous” properties’cordyceps reached a very high price.
In ancient China, only the imperial court and aristocracy could afford to use it. Nowadays,
these “miraculous fungi” are grown in bioreactors.
The annual production is counted in millions on tons,
hence now everyone can benefit from its extraordinary qualities.

Deherb produces this remarkable supplement using highly advanced
biotechnology at the same time preserving the natural contents of the preparation.

Enhances the body’s general resistance.
Improves appetite, beneficial during convalescence.
Energises, increases stamina, reduces fatigue, which can improve sports performance.
Displays antiviral and antibacterial properties against e.g. Staphylococcus aureus.
Helps balance blood sugar metabolism.
Supports the respiratory system, especially lung efficiency and oxygen utilisation (accelerates cell adaptation to low oxygen levels).
Enhances male potency.

BENEFITS

Supports the Immune System:
• Strengthens the immune system – use Cordyceps for increasing immunity in adults;
• Reduces effects of chronic fatigue;
• Promotes vitality, and longevity;
• Protects the body against the damaging effects of radiation and tumor formation.
Supports the Respiratory System:
• Helps improve symptoms of chronic bronchitis;
• Promotes healthy lung function.
Supports Kidney Function:
• Promotes healthy kidney function;
• Acts as a kidney tonic.
Also:
• Increases brain performance;
• Ensures normal function of body organs.

Unique features

The traditional and modern application of Cordyceps includes bronchial asthma, insomnia, anxiety, adrenal hypo function, hypertension, impotence and bacterial infection. Cordyceps has properties similar to ginseng, being used to strengthen and rebuild the body after exhaustion.
Compounds found in Cordyceps are classified as HDP “Host Defense Potentiators”. These compounds include: hemicellulose, polysaccharides, polysaccharide-peptides, nucleosides, triterpeniods, complex starches, and other metabolites. Combinations of these compounds are now believed to target the human immune system as well as aid in neuron transmission, metabolism, hormonal balance and nutrient and oxygen transport. They support the development of lymphoid stem cells and other important body defense responses.
Tests show that there are no traces of hormones or stimulants in these ingredients.

Who Cordyceps Plus is suitable for?
Weak and low immunity, susceptible to cold;
Regular smokers, coughing and persons with asthma;
Recovering from diseases or operations;
High blood fat or cardiovascular diseases;
Diabetes (diabetes type 1 and diabetes type 2);
Recommended in liver diseases;
After chemo- or radiotherapy;
Busy work and chronic fatigue;
Hypertension and poor sleep;
Frequent users of computer, mobile phone and microwave appliances.

Health Accumulate Wealth

: 🌻🌱 SU+iMO21.._ 🌱🌻
🌿👇🏻निम्न बीमारियों पर काम करता है ।
🌿👉🏻 SU+iMO21 प्रोडक्ट एक और बीमारी अनेक पे काम करता है।_

🌴 1 :-हृदय रोगो से निजात ।
2 :- ब्लड प्रेशर कम / ज्यादा को सामान्य करता है ।
3 :- हार्ट ब्लोकेज से बचाता है एवं सही करता है ।
4 :- हृदय को मजबूत एवं ताऐकत प्रदान करता है ।
5 :- हृदयाघात या पक्षघात या हार्ट अटैक से बचाता है ।
🌴 6 :- लीवर ( यकृत ) के रोगो से निजात दिलाता है ।
7 :- फैटी लीवर से निजात ।
8 :- पीलिया ।
9 :- लीवर कैंसर ।
10 :- लीवर में सूजन ।
11 :- लीवर की जन्म जात या अनुवांशिक बीमारी ।
12 :- सिरोसिस या लीवर पे घाव ।
13 :- हेपेटाइटिस।
14 :- कोरानरी धमनियों की बीमारी से लाभ ।
🌴 15 :- फेफडों के रोगों से निजात ।
16 :- अस्थमा ।
17 :- फेफड़ो का कैंसर ।
18 :- निमोनिया ।
19 :- टी०बी० की समस्याओं से लाभ।
20 :- स्वास ( दमा ) ।
21 :- घवराहट ।
22 :- सांस फूलना ।
23 :- खांसी ।
24 :- अधिक बलगम ।
25 :- छाती या सीने में दर्द ।
🌴 26 :- गुर्दा या किडनी के रोगों से निजात ।
27 :- गुर्दे की पथरी ।
28 :- किडनी कैंसर ।
29 :- किडनी में सूजन ।
30 :- एनीमिया ।
🌴 31 :- गुप्त रोगो से निजात ।
32 :- कामेच्छाओं में कमी ।
33 :- प्रजनन क्षमता में कमी ।
34 :- बाँझपन ।
35 :- शुक्राणुओं एवं अन्डाणुओं की कमी या कमजोरी ।
36 :- वीर्य की कमी ।
37 :- नपुसंकता ।
38 :- सेक्सुअली समस्या ।
39 :- स्पर्म काऊंटर प्वाइंट को एवं बढ़ाना ।
40 :- मेन पावर को बढ़ाता है ।
🌴 41 :- मस्तिष्क के रोगो से निजात ।
42 :- चक्कर आना या ( मांसिक कमजोरी ) ।
43 :- नींद न आना, अनिद्रा , तनाव , डिप्रेशन या तनाव ।
44 :- ब्रेन ट्यूमर ।
45 :- माईग्रेन ।
46 :- ब्रेन हैमरेंज ।
47 :- लकवा या पक्षघात या पैरालाईज, ।
48 :- नसों की कमजोरी या हांथ पैर काँपना ।
49 :- हाथ पैर या शरीर में सुन्नपन ।
50 :- सर में दर्द रहना या आधे सिर में दर्द रहना।
51 :- मिर्गी । पागल
52 :- दौड़ा ।
53 :- साईटिका ( नस का दब जाना ) ।
54 :- शारीरिक थकान या कम्जोरी ।
55 :- नसों में ब्लॉकेज ।
56 :- स्मरणीय शक्ति या एकाग्रता या याददाश्त की कमी ।
🌴 57 :-आँखों की कमी से निजात ।
58 :- आँखों से कम दिखाई देना या नजर की कमजोरी ।
59 :- आँखों के चश्मे से मुक्ति ।
60 :- आँखों से पानी आना ।
61 :- आँखों में जलन, सूजन, या दर्द रहना ।
62 :- आँखों में इंफेक्शन होना ।
🌴 63 :- नाक के रोगो से निजात ।
64 :- नाक से खून आना ।
65 :- नाक का मास बढ़ जाना ।
66 :- नाक में जुकाम बना रहना या नकसीर ।
67 :- सांस लेने में परेशानी होना ।
🌴 68 :- कान के रोगो से निजात ।
69 :- कान से कम सुनाई देना या बहरापन ।
70 :- कान से खून आना या मबाद आना ।
71 :- कान से साय – साय की आवाज़ आना ।
🌴 72 :- मुँह के रोगो से निजात ।
73 :- मुँह में कैंसर ।
74 :- मुँह से बदबू आना ।
75 :- मुँह में छाले बने रहना ।
76 :- मुँह में दाँतो की समस्या ।
77 :- पायरिया ।
78 :- दांतो में कीड़ा लगना ।
🌴 79 :- बालों की समस्या से निजात ।
80 :- बाल झड़ना ।
81 :- बालों का कमजोर होना ।
82 :- नये बाल न आना ।
83 :- हाईड्रोसील ( वृषण का बड़ जाना या पानी भर जाना )।
84 :- स्तन में गांठ या स्तन कैंसर ।
🌴 85 :- त्वचा के रोगो से निजात ।
86 :- सोरायसिस ।
87 :- दाद , खाज , खुजली , लाल – काले चकत्ते होना ।
88 :- सफेद दाग की समस्या ।
89 :- शरीर में दने , फोड़ा – फुंसी, या पानी भरना, मबाद आना, घाव होना या ऐड़ी फटना या त्वचा में किसी भी प्रकार का
कोई इंफैकशन झुर्रियाँ कम करना दाग, धब्बे, कील, मुहासे छाजन, झाँईया इत्यादि रोग ।
90 :- बबासीर ।
🌴 *91 :- गले से होने वाली समस्याओं से निजात ।
92 :- गले में सूजन ।
93 :- गलगण्ड का रोग ।
94 :- घेंघा ।
95 :- थाईराइड ।
96 :- बलगम की समस्या ।
97 :- गले में इंफैक्शन ।
98 :- गले में कैंसर ।
99 :- मधुमेह ( सुगर ) ।
🌴 100 :- जोड़ो का दर्द ( घुटनों का दर्द , कमर का दर्द )।
101 :- गठिया वाय ।
102 :- अर्थराइटिस ।
🌴 103 :- पाचन क्रिया का खराब होना ।
104 :- गैस की समस्या, खट्टी डकारें, सीने में जलन, खड्डाई की समस्या ।
105 :- कब्ज की समस्या, बदहजमी ।
106 :- जी मचलाना, भूँख न लगना।
107 :- खून की कमी ( ऐनीमिया ) ।
108 :- शारीरक दुर्बलता ।
109 :- मोटापे की समस्या ।
110 :- नशा से छुटकारा ।
111 :- मौसमी बीमारियों से निजात ।
112 :- एलर्जी ।
113 :- शरीर में कहीं भी गाँठ पढ़ जाना ।
114 :- लिकोरिया ।
🌴 115 :- मासिकधर्म के दौरान होने वाली समस्याओं से निजात ।
116 :- अनिमितता ( अनियमित मासिक चक्र ।
117 :- शारीरिक थकान , कमजोरी महसूस करना ।
118 :- नींद न आना ।
119 :- चिड़चिड़ापन ।
120 :- कमर दर्द ।
🌴 121 :- बच्चे दानी में गाँठ ।
122 :- बच्चे दानी का फैटी होना या माँस चमा होना ।
123 :- बच्चे दानी में कैंसर ।
124 :- बच्चे दानी का सिकुड़ना या सूजन होना ।
125 :- सफेद पानी की समस्या ।
126 :- कॉलेस्ट्रॉल की समस्या ।
127 :- एड्स ।
128 :- स्वाईन फ्लू ।
129 :- प्रौस्टेट ।
१30 :- अल्जाइमर ।
131 :- यूरिक एसिड का बढना ।
132 :- कोलाईटिस ।
133 :- गैस्ट्रि ही 600 + बीमारियों पे काम करता है SU+iMO21
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9467131825

Cordyceps Plus के लाभ

Cordyceps Sinensis (कॉरडिसेप्स साइनेंसिस) – प्रयोग, फायदे, उपयोग और लाभ –

यार्चा गुम्बा एक आयुर्वेदिक जड़ि-बुटि है जिसे अंग्रेजी में  Cordyceps Sinensis कहा जाता है। यार्चा गुम्बा नेपाली नाम है जो समुद्र तल से 3800 मीटर ऊपर चीन, नेपाल , मलेशिया और तिब्बत के हिमालय पर पाया जाता है। यह एक High Value Traditional Medicine है। यार्चा गुम्बा एक फिल्म किट (movie insect) और एक प्रकार के पौधे के प्रतिक्रिया के द्वारा सर्दियोँ के दिनोँ में बनता है। यह भूरे रंग का होता है तथा यह 2 ईंच लम्बा होता है तथा इसका स्वाद मीठा होता है।
                      
Cordyceps Sinensis (कॉरडिसेप्स साइनेंसिस) का प्रयोग निम्नलिखित बीमारियों, स्थितियों और लक्षणों के उपचार, नियंत्रण, रोकथाम और सुधार के लिए किया जाता है:

Cordeyceps Plus के वैसे तो अनेक फायदे है यह अपने शरीर की बहुत सी बिमारियों एवं कमजोरियों को दूर व ख़त्म करता है
01. दिल के मरीज के लिए है फायदेमंद.
02. Cholesterol को खत्म करता है .
03. SPORTS , GYM व ऐथलीट्स के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि ये शरीर में स्टैमिना (STAMINA) को बढाकर MUSCLES को बड़ने में मदद करता है |
04. शरीर के अन्दर नाड़ियों की BLOCKAGE को दूर करता है|
05. अस्थ्मा (दमा) की बीमारी को खत्म करता है |
06. कैंसर को बढने से रोकता है |
07. तनाव को दूर करता है |
08. भूख बढाता है |
09. गठिया रोग दूर करता है |
10. अलर्जी से बचाव
11. SUGAR (मधुमेह) संतुलित करता है |
12. नर्वस system को ठीक करता है।
13. पीलिया
14. शरीर को मजबूत बनता है |
15. यौन शक्ति को बढाता है |
16. पुरुष नपुसंकता को दूर करता है |
17. पुरुष लिंग के साइज़ को बढाता है |
18. BLOCKAGE के कारण MALE SPERMS बाहर नहीं आते , तो BLOCKAGE को खोलता है |
19. पुरुष में हार्मोन्स और SPERM को तेजी से बढाता है|

20. औरतों में मासिकधर्म से संबंधित समस्याओं का निधान करता है।

21. हल्का हल्का सिरदर्द रहना

समस्या महंगाई नही,समस्या है ” कमाई “

🌷🌷★ अनोखा ! ★ शानदार ! ★अद्भुत !
सबसे अलग सबसे हटके
समझने के बाद मर्जी आपकी !
समस्या महंगाई नही,
समस्या है ” INCOME “

👊
ज्यादा कमाने के लिए,
कुछ अलग और हटकर करना पड़ेगा

💎💎💎💎💎💎💎💎💎
क्योंकि ज़िंदगी GUARRANTY य़ा WARRANTY नहीं देती.
ज़िंदगी एक OPPORTUNITY देती है उस OPPORTUNITY का नाम है–

De Herb -भरोसे का प्रतीक !! 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

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  1. MRP. 2000
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    Capping. 50000 Weekly
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3. MRP. 16000
DP. 12800
Matching . 12%
Capping 3 Lac Weekly
Reward point. 2

  1. MRP 40000
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    Matching. 14%
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  2. Binary Matching ->
    8% to 14%
  3. Infinity Income ->
    Direct Sponsor Income
    First 2 Direct A or B
    10% A Or B ਦੀ Income का

Power of C Income
After 3rd Sponser C
25% की Income का

  1. Upline Sponser Income ->
    Upline की Income का 10%
    (Distribute equal to all direct ) But Condition is 1:1 reward Point की matching जरुरी है…
  2. Reward Income ->

कोई Timing Conditon नही है…

First 5:5 Reward Point Matching – 2100 /-

Second New 25:25 Reward Point Matching – 5000/-

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Last 5 Lac : 5 Lac Reward Point Matching –
51 Lac + USA Tour + Villa

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Su+iMO21 दुनिया का एक अदभूत अविष्कार है।

DEHERB WELLNESS OPC PVT. LTD
PRESENTS
🌱🌱🌱SU+iMO21..💊💊💊

दुनिया का एक अदभूत अविष्कार है।_
👆👆👆👆👆👆👆👆👆

👉 आज हम जो भी भोजन करते हैं
👉 जो भी पानी पीते हैं
👉 जो भी हवा साँस से लेते हैं।
👇👇👇👇👇👇👇👇👇
सबके सब Toxins, Chemicals and Pollution से भरा पड़ा है।

जो हमारे “Cells” के ऊपर एक “Thin Layer” बना देते है।
👆👆👆👆👆👆👆👆👆
जिसके चलते कोशिकाओं के “Pores” (छिद्र) बंद हो जाते है… और कोशिकाएं Hard (सख़्त) हो जाती हैं… जिससे कोशिकाएं अपना काम सही ढंग से नही कर पाती है।

👉हमारे कोशिकाओं का काम है…..
👇👇👇👇👇👇👇👇👇
भोजन से Micro Nutrients, Vitamins, Minerals को Absorb करना और पूरे शरीर में पहुंचाना।

🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
SU+iMO21 कोशिकाओं के ऊपर जमे “Toxin Layer” को साफ कर देता है और कोशिकाओं को एक नया जीवन प्रदान करता है।
SU+iMO21 एक POWERFUL CELLULAR FOOD है।

💪💪💪💪💪💪💪💪💪
इसलिए कोशिकाओं के अंदर जाकर उनकी मरम्मत (Repair) करता है….. और जब कोशिकाओं की मरम्मत हो जाती है तो हमारे शरीर के अंदर जो “Self Healing Power” और Auto Immune Power (रोग प्रतिरोधक क्षमता) है वह पुनः लौट आती है।

👇👇👇👇👇👇👇👇👇
जिसके चलते Auto Immune Diseases जैसे………
🔶 लुपस
💀 कैंसर
💣 डायबिटीज
❤️ हार्टफेल्योर
👾 किडनी जैसे सब प्रॉब्लम्स ठीक होने लगते हैं।

  यह कोई मेडिसिन नहीं है बल्कि एक CELLULAR FOOD है..... इसीलिए ये सभी बीमारी पर काम करता है और सेल्स लेवल पर काम करता है।

👇👇👇👇👇👇👇👇👇
CELLS शरीर का Fundamental Unit होता है और एक बार जब हमारे सेल्स का, प्रॉपर ढंग से Repair और Maintenance हो जाता है तो सारा शरीर तंत्र सुचारू रूप से कार्य करने लगता है।

SU+iMO21 एक कम्प्लीट फूड सप्लिमेंट् है।
👇👇👇👇👇👇👇👇👇
एक बहूत ही महत्वपूर्ण और ध्यान देने वाली बात ये है कि हम जब कोई मेडिसिन लेते हैं तो सेल्स उसको औब्जर्ब करने लगता है और वह मेडिसन इफेक्टिव रूप से हमारे शरीर पर अपना काम करने लगता है और रोग बहूत जल्दी ठीक हो जाता है और क्योंकि SU+iMO21 शरीर में सेल लेवल पर ही काम करता है जिसकी वजह से इसका इतना ज़बरदस्त रिज़ल्ट है

👉 यह लगभग सभी बिमारियों पर काम करता है।

👉 SU+iMO21 स्वस्थ्य सेल को स्वस्थ्य रखता है और अस्वस्थ्य सेल को स्वस्थ्य बना देता है।

👉 इसलिए SU+iMO21 स्वस्थ्य लोगों के लिए भी है और बीमार लोगों के लिए भी है।

“क्योंकि यह कोई मेडिसिन नही है।”
👉 “बल्कि सेल्लुलर हेल्थ FOOD SUPPLEMENT हैं”

👉 यह स्त्रियों के लिए फ्रेंड है और इसे बड़े, बूढ़े,सभी यूज कर सकते हैं।

👉 इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है,और न यह किसी मेडिसिन के साथ रिएक्शन करता है।
इसलिए इसको किसी भी मेडिसिन के साथ ले सकते हैं।
👉 कोई परहेज,कोई मनाहीं नहीं है।

SU+iMO21 एक शक्तिशाली दर्द निवारक भी है
जिसका कोई Side Effect नही होता है।

👉 MARKET में आज बहुत से Pain Killer उलब्ध हैं।

👉 लेकिन कोई भी ऐसा Pain Killer नही है जिसका कोई Side Effect न हो।

👉 शरीर में जिस तत्व के चलते दर्द होता है उसको Cox Enzyme कहते हैं, Cox Enzyme दो तरह के होते है, Cox1 और Cox2

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👉 Cox1 एक अच्छा ENZYME है जो हमारे STOMACH LINING और INTESTINE की रक्षा करता है।

👉Cox2 – ENZYME के चलते PAIN , SWELLING और INFLAMMATION होता है।
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जब हम मार्किट से Pain Killer लेकर खाते हैं तो यह Cox2 को तो मारता है,
👉 साथ ही साथ Cox1 को भी मार डालता है जो एक अच्छा Enzyme है…
जिसके चलते पेट में बहुत सारी अन्य बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं।

👉लेकिन SU+iMO21 Selectively Cox 2 को मारता है और Cox 1 को बचा लेता है।

👇👇👇👇👇👇👇👇👇
यही इस FOOD SUPPLEMENT की विशेषता है।

👉 इसलिए इसको ‘Safe Pain Reliever कहा जाता है।
👉 SU+iMO21 एक POWERFUL STRESS BUSTER है और Depression (विषाद) आदमी को प्रसन्नचित और Tension FREE (तनाव मुक्त) रखने में मदद करता है।
👉 यह Digestive System (पाचन क्रिया) को भी ठीक करता है साथ ही साथ अच्छी नींद, Sound Sleep और सुकून भी देता है।
👉 इसलिए जब भी आपSU+IMO21 खाते है कुदरत (Nature) को धन्यवाद देते है।
👉 साथ ही साथ जो भी व्यक्ति इस फ़ूड के बारे में या इस PROGRAMME के बारे में आपको बताया है उसको भी धन्यवाद देते हैं।
💊💊💊कैप्सूल लेने की विधि💊💊💊

(1) खाना खाने से आधा घंटा बाद गर्म / गुनगुने पानी के साथ कैप्सूल लेना होता है और कैप्सूल खाने के बाद 1 घंटा के अंदर धीरे-धीरे करके 4 गिलास गुनगुना या नॉर्मल पानी पीना है
।दिन भर 4-5 लीटर नार्मल पानी ज़रूर पीना है।

👉🏻 इसका कोई साईड इफ़ेक्टस नहीं है।

💥 कँसर
❤️ हार्ट अटेक
😱 ब्रेंनट्युमर
🔴 डायबीटीस
🌡️ ब्लडप्रेशर
😈 पेरालिसिस / लकवा
🤡 मोटापा
🦵जोडो का दर्द
🧠 दिमागी कमजोरी
🔴 कोलेस्ट्रॉल
👺 अस्थमा
👾 पुरानी सर्दी-खासी
💣 टीबी
🧟‍♂️ ऐलर्जी
🤢 पेट के रोग
💛 पीलिया / जॉयन्डिस्
🔥 गैस
🥵 बवासीर
🧩 अल्सर
🍘 किडनी स्टोन
🔴 खून की कमी
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ऐसी ही 600+ बीमारियों से बचाता है और उन्हें ठीक भी करता है
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Harkanwaljit Virk
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आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ
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🌿👇🏻निम्न बीमारियों पर काम करता है ।
🌿👉🏻 SU+iMO21 प्रोडक्ट एक और बीमारी अनेक पे काम करता है।_

🌴 1 :-हृदय रोगो से निजात ।
2 :- ब्लड प्रेशर कम / ज्यादा को सामान्य करता है ।
3 :- हार्ट ब्लोकेज से बचाता है एवं सही करता है ।
4 :- हृदय को मजबूत एवं ताऐकत प्रदान करता है ।
5 :- हृदयाघात या पक्षघात या हार्ट अटैक से बचाता है ।
🌴 6 :- लीवर ( यकृत ) के रोगो से निजात दिलाता है ।
7 :- फैटी लीवर से निजात ।
8 :- पीलिया ।
9 :- लीवर कैंसर ।
10 :- लीवर में सूजन ।
11 :- लीवर की जन्म जात या अनुवांशिक बीमारी ।
12 :- सिरोसिस या लीवर पे घाव ।
13 :- हेपेटाइटिस।
14 :- कोरानरी धमनियों की बीमारी से लाभ ।
🌴 15 :- फेफडों के रोगों से निजात ।
16 :- अस्थमा ।
17 :- फेफड़ो का कैंसर ।
18 :- निमोनिया ।
19 :- टी०बी० की समस्याओं से लाभ।
20 :- स्वास ( दमा ) ।
21 :- घवराहट ।
22 :- सांस फूलना ।
23 :- खांसी ।
24 :- अधिक बलगम ।
25 :- छाती या सीने में दर्द ।
🌴 26 :- गुर्दा या किडनी के रोगों से निजात ।
27 :- गुर्दे की पथरी ।
28 :- किडनी कैंसर ।
29 :- किडनी में सूजन ।
30 :- एनीमिया ।
🌴 31 :- गुप्त रोगो से निजात ।
32 :- कामेच्छाओं में कमी ।
33 :- प्रजनन क्षमता में कमी ।
34 :- बाँझपन ।
35 :- शुक्राणुओं एवं अन्डाणुओं की कमी या कमजोरी ।
36 :- वीर्य की कमी ।
37 :- नपुसंकता ।
38 :- सेक्सुअली समस्या ।
39 :- स्पर्म काऊंटर प्वाइंट को एवं बढ़ाना ।
40 :- मेन पावर को बढ़ाता है ।
🌴 41 :- मस्तिष्क के रोगो से निजात ।
42 :- चक्कर आना या ( मांसिक कमजोरी ) ।
43 :- नींद न आना, अनिद्रा , तनाव , डिप्रेशन या तनाव ।
44 :- ब्रेन ट्यूमर ।
45 :- माईग्रेन ।
46 :- ब्रेन हैमरेंज ।
47 :- लकवा या पक्षघात या पैरालाईज, ।
48 :- नसों की कमजोरी या हांथ पैर काँपना ।
49 :- हाथ पैर या शरीर में सुन्नपन ।
50 :- सर में दर्द रहना या आधे सिर में दर्द रहना।
51 :- मिर्गी । पागल
52 :- दौड़ा ।
53 :- साईटिका ( नस का दब जाना ) ।
54 :- शारीरिक थकान या कम्जोरी ।
55 :- नसों में ब्लॉकेज ।
56 :- स्मरणीय शक्ति या एकाग्रता या याददाश्त की कमी ।
🌴 57 :-आँखों की कमी से निजात ।
58 :- आँखों से कम दिखाई देना या नजर की कमजोरी ।
59 :- आँखों के चश्मे से मुक्ति ।
60 :- आँखों से पानी आना ।
61 :- आँखों में जलन, सूजन, या दर्द रहना ।
62 :- आँखों में इंफेक्शन होना ।
🌴 63 :- नाक के रोगो से निजात ।
64 :- नाक से खून आना ।
65 :- नाक का मास बढ़ जाना ।
66 :- नाक में जुकाम बना रहना या नकसीर ।
67 :- सांस लेने में परेशानी होना ।
🌴 68 :- कान के रोगो से निजात ।
69 :- कान से कम सुनाई देना या बहरापन ।
70 :- कान से खून आना या मबाद आना ।
71 :- कान से साय – साय की आवाज़ आना ।
🌴 72 :- मुँह के रोगो से निजात ।
73 :- मुँह में कैंसर ।
74 :- मुँह से बदबू आना ।
75 :- मुँह में छाले बने रहना ।
76 :- मुँह में दाँतो की समस्या ।
77 :- पायरिया ।
78 :- दांतो में कीड़ा लगना ।
🌴 79 :- बालों की समस्या से निजात ।
80 :- बाल झड़ना ।
81 :- बालों का कमजोर होना ।
82 :- नये बाल न आना ।
83 :- हाईड्रोसील ( वृषण का बड़ जाना या पानी भर जाना )।
84 :- स्तन में गांठ या स्तन कैंसर ।
🌴 85 :- त्वचा के रोगो से निजात ।
86 :- सोरायसिस ।
87 :- दाद , खाज , खुजली , लाल – काले चकत्ते होना ।
88 :- सफेद दाग की समस्या ।
89 :- शरीर में दने , फोड़ा – फुंसी, या पानी भरना, मबाद आना, घाव होना या ऐड़ी फटना या त्वचा में किसी भी प्रकार का
कोई इंफैकशन झुर्रियाँ कम करना दाग, धब्बे, कील, मुहासे छाजन, झाँईया इत्यादि रोग ।
90 :- बबासीर ।
🌴 *91 :- गले से होने वाली समस्याओं से निजात ।
92 :- गले में सूजन ।
93 :- गलगण्ड का रोग ।
94 :- घेंघा ।
95 :- थाईराइड ।
96 :- बलगम की समस्या ।
97 :- गले में इंफैक्शन ।
98 :- गले में कैंसर ।
99 :- मधुमेह ( सुगर ) ।
🌴 100 :- जोड़ो का दर्द ( घुटनों का दर्द , कमर का दर्द )।
101 :- गठिया वाय ।
102 :- अर्थराइटिस ।
🌴 103 :- पाचन क्रिया का खराब होना ।
104 :- गैस की समस्या, खट्टी डकारें, सीने में जलन, खड्डाई की समस्या ।
105 :- कब्ज की समस्या, बदहजमी ।
106 :- जी मचलाना, भूँख न लगना।
107 :- खून की कमी ( ऐनीमिया ) ।
108 :- शारीरक दुर्बलता ।
109 :- मोटापे की समस्या ।
110 :- नशा से छुटकारा ।
111 :- मौसमी बीमारियों से निजात ।
112 :- एलर्जी ।
113 :- शरीर में कहीं भी गाँठ पढ़ जाना ।
114 :- लिकोरिया ।
🌴 115 :- मासिकधर्म के दौरान होने वाली समस्याओं से निजात ।
116 :- अनिमितता ( अनियमित मासिक चक्र ।
117 :- शारीरिक थकान , कमजोरी महसूस करना ।
118 :- नींद न आना ।
119 :- चिड़चिड़ापन ।
120 :- कमर दर्द ।
🌴 121 :- बच्चे दानी में गाँठ ।
122 :- बच्चे दानी का फैटी होना या माँस चमा होना ।
123 :- बच्चे दानी में कैंसर ।
124 :- बच्चे दानी का सिकुड़ना या सूजन होना ।
125 :- सफेद पानी की समस्या ।
126 :- कॉलेस्ट्रॉल की समस्या ।
127 :- एड्स ।
128 :- स्वाईन फ्लू ।
129 :- प्रौस्टेट ।
१30 :- अल्जाइमर ।
131 :- यूरिक एसिड का बढना ।
132 :- कोलाईटिस ।
133 :- गैस्ट्रि ही 600 + बीमारियों पे काम करता है SU+iMO21
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